वोकल फ़ॉर लोकल जागरूकता की अनोखा पहल:हस्तनिर्मित राखी के साथ स्वदेशी वस्तु उपयोग हेतु लोगों को जागरूक कर रही युवती, ऑटो चालक पिता के पुत्री को मिल रही सराहना

 

वोकल फ़ॉर लोकल जागरूकता की अनोखा पहल:हस्तनिर्मित राखी के साथ स्वदेशी वस्तु उपयोग हेतु लोगों को जागरूक कर रही युवती, ऑटो चालक पिता के पुत्री को मिल रही सराहना



अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो समय और परिस्थिति आड़े नहीं आता। इस कहावत को चरितार्थ करती है 22 वर्षीय दुर्गेश नंदनी। छपरा के मुख्य सड़क हथुआ मार्केट से साहेबगंज की तरफ जब आप गुजरेंगे तो इस दौरान आपको सड़क पर एक लड़की हस्तनिर्मित राखियों के साथ खड़ी मिलेगी। छोटी सी उम्र के इस लड़की की सोच बहुत बड़ी है। देश समाज और परंपरा के प्रति बड़ी सोच रखने वाली दुर्गेश नंदनी का कार्य वाकई में सराहनीय है।

हस्तनिर्मित राखी के माध्यम से स्वदेशी "वोकल फ़ॉर लोकल" का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान वोकल फ़ॉर लोकल का अनुसरण करते हुए दुर्गेश नंदनी अपने खुद के हाथों से बनाया हुआ रखी बेच रही है। इस संबंध में नंदनी ने बताया कि प्रधानमंत्री के बातों से प्रभावित होकर समाज को स्वदेशी निर्माण के लिए जागरूक करने हेतु एक कदम है। भारत मे अधिकतर चीन से निर्मित रखी बेची जाती है। पर्व के नाम पर चीन सहित विदेशी कंपनियां भारत से पैसा कमा कर भारत को परेशान करने में खर्च करती है। एक तरह से विदेशी कंपनियों पर अंकुश लगाने का उचित मार्ग है। हम सभी लोगों को स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फ़ॉर लोकल के सपनों को साकार करने में अपनी सहभागिता निभानी चाहिए।

परम्परा को जीवित रखने का एक पहल है

नंदनी में बताया कि रक्षाबंधन में बांधे जानेवाले रखी में रेशम के धागे का महत्व होता है। हिन्दू परंपरा के अनुसार रेशम के धागे से ही बहन भाई के कलाई पर रक्षा बंधती है। लेकिन आर्टिफिशियल राखी बनाने वाली कंपनियां रक्षा के नाम पर किसी भी धागे का उपयोग कर सिर्फ व्यवसाय करती हैं। मेरी इस हस्तनिर्मित राखी में रेशम के धागे का इस्तेमाल हुआ है।

बैनर पोस्टर से लेकर रखी का रैपर भी हस्तनिर्मित

नंदनी द्वारा बनाया गए राखी में उपयोग किये जाने वाले सभी वस्तु स्वदेशी है। राखी बांधे जाने वाले रैपर से लेकर स्टॉल पर लगाये गए सभी पोस्टर भी हस्तनिर्मित है। कार्डबोर्ड पर रंगीन पेन से राखी का ब्रांडिंग किया गया है। नंदनी द्वारा निर्मित राखी को पूर्ण रूप हस्तनिर्मित का रूप देने का कोशिश किया गया है।

ऑटो चालक पिता के पुत्री को मिल रहा सराहना

बता दें कि दुर्गेश नंदनी छपरा शहर के भगवान बाजार क्षेत्र के पंचमन्दिरा की रहने वाली है। ग्रेजुएट नंदनी के पिता राजू गुप्ता एक ऑटो चालक है जबकि मां संगीता देवी गृहणी है। नंदनी स्नातक करने के बाद डी फार्मा करने की योजना बना रही है। छपरा जैसे छोटे शहर में इस तरह के कार्य को लेकर काफी सराहना मिल रहा है। इस जागरूक कार्य के लिए स्थानीय विधायक ने नंदनी को सम्मानित किया है। वही स्थानीय लोग भी सराहना कर रहे है। ख़ासकर युवा वर्ग से नंदनी को काफी सहयोग मिल रहा है।

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