पानापुर के रामपुर रुद्र161 गांव के
मुख्य सड़क पर बने पुलिया बाढ़ के
पानी के दबाव में ध्वस्त। उक्त गांव में
रहरहे लगभग दो सौ परिवार घरों में
ही कैद। गांव हुआ टापू में तब्दील ,
घर से बाहर निकलने का नाव ही है
सहारा। पानापुर सारण वैसे तो
गंडक नदी के तटीय इलाके में बसे
प्रखंड के दो पंचायत के आधे दर्जन
गांव हर साल बाढ़ एवं गंडक नदी के
कहर को झेलने को मजबूर है
जिसकारण उक्त गांव के सैकड़ो
परिवार वर्ष के चार महीने अपना घर
बार छोर सारण तटबंध को ही
अपना आशियाना बनालेते है।
लेकिन इनके दुखदर्द को अबतक
समझने वाला कोई नही है। वही हर
साल बाढ़ एवं गंडक नदी के कहर
को झेल रहे पानापुर प्रखंड के सबसे
ज्यादा प्रभावित कोंध पंचायत के
रामपुर रूद्र 161 हो जाता है उक्त
गांव से बाहर निकलने के लिए एक
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहद
बने एकलौता मुख्य सड़क है
जिसपर बने एक छोटी सी पुलिया
पानी की दबाव नही सहने के कारण
हर साल ध्वस्त हो जाता है जिसको
लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार
लिखित एवं मौखिक जानकारी भी
दिए है बावजूद अबतक उक्त सड़क
पर बड़े पुल का निर्माण नही कराया
गया। उक्त पुलिया असमय आयी
गंडक नदी के पहले ही पानी ने
इसवर्ष भी अपने साथ लेकर चली
गयी है जिसकारण रामपुर रुद्र161
गांव महीनों से टापू में तब्दील होगया
है यहां से बाहर निकलने के लिए
एक नाव ही सहारा है । स्थानीय
ग्रामीणों का कहना है की अगर उक्त
सड़क पर एक भी बड़े पुल का
निर्माण होगया होता तो आज यह
स्थिति उतपन्न नही होती। वही बात
करे अन्य प्रभावित गांवो के तो
निचले इलाके के सलेमपुर,
सोनवर्षा, उभवा,आदि गांवो के
प्रभावित परिवार के पास दूसरा
विकल्प नही रहने के कारण बर्षात
के दिनों के चार महीने सैकड़ो
पीड़ित परिवार सारण तटबंध पर ही
रहने को मजबूर होजाते है। जहा
सरकारी सहायता के नाम पर उन्हें अदद लाइट का भी ब्यवस्था
नही है।
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